पंचलेश्वर मंदिर, बरबसपुर अस्तभुजी शक्ति पीठ, बंशी डोंगरी
BANSHI DONGRI BIRSINGHPUR, PALI, बंशी डोंगरी बरबसपुर अस्तभुजी शक्ति पीठ-
BANSHI DONGRI अष्ठभुजी पंचलेश्वर मंदिर जंगल और पहाड़ों के बीच स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थल है। यह मंदिर मध्य प्रदेश राज्य के उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली में स्थित है|
और बिरासनी धाम के पास स्थित होने के कारण यहां का महत्त्व धार्मिक एवं पौराणिक दृष्टि से अत्यंत उच्च है।BANSHI DONGRI को पंचभूत शिव मंदिर के रूप में जाना जाता है,
जहां भगवान शिव और पांच मुखों वाली मूर्तियाँ पूजी जाती हैं।अष्ठभुजी पंचलेश्वर अत्यंत प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।
इस पीठ का अस्तभुजी रूप माँ दुर्गा को स्थानांतरित करता है, जिसमें माँ दुर्गा के छह हाथ होते हैं और उनमें से पांच हाथ भगवान शिव के देवदत्त होते हैं, जिन्हें "पंच शिव" कहा जाता है।
यह देवी का अस्तभुजी रूप भगवान शिव की अधिपति शक्ति को दर्शाता है और यहां पूजा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को माँ दुर्गा और भगवान शिव के साथ-साथ पंच शिवों की भी वंदना करनी चाहिए।
पंचलेश्वर अस्तभुजी शक्ति पीठ में श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग पूजा विधियां हैं जैसे दैनिक आरती, महाष्टमी, नवरात्रि आदि। मंदिर के गोपुरम और दीवारों पर बहुत सारी विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।
12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन
इन 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम इस प्रकार हैं:
- सोमेश्वर लिंग
- मल्लिकार्जुन लिंग
- महाकालेश्वर लिंग
- ओंकारेश्वर लिंग
- केदारेश्वर लिंग
- भीमशंकर लिंग
- वैद्यनाथेश्वर लिंग
- रामेश्वर लिंग
- गौरीशंकर लिंग
- नागेश्वर लिंग
- विश्वनाथेश्वर लिंग
- त्र्यम्बकेश्वर लिंग
पहुँच मार्ग
शिवरात्रि के मौके पर लगने वाला मेला
पंचलेश्वर अस्तभुजी शक्ति पीठ में शिवरात्रि के मौके पर भी एक महत्वपूर्ण मेला लगता है। इस मेले को "पंचलेश्वर मेला" या "अस्तभुजी मेला" के नाम से भी जाना जाता है। यह मेला हर साल फरवरी या मार्च महीने के दूसरे सप्ताह में आयोजित किया जाता है।
इस मेले में हजारों श्रद्धालु इस पीठ पर आते हैं और भगवान शिव और माँ दुर्गा की पूजा करते हैं। इस दौरान मंदिरों में भजन-कीर्तन गाने, तांबुल सेवन करने और प्रसाद वितरण करने का परंपरागत रीती-रिवाज होता है।
मेले के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालु लोग अपने संगठन द्वारा स्वयं के विविध समाज सुधार कार्यक्रम आदि भी आयोजित करते हैं।
इस मेले के दौरान पंचलेश्वर अस्तभुजी शक्ति पीठ में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं भी की जाती हैं। इस समय यहां की सड़कों पर भी भीड़ अधिक होती है |
आकर्षक सुन्दर पहाड़ से नीचे का द्रश्य
बंशी डोंगरी में स्थित पंचलेश्वर अस्तभुजी शक्ति पीठ जंगलों के बीच स्थित है। इसके पीछे एक बड़ा सा पहाड़ भी स्थित है, जो इस स्थान को और भी आकर्षक बनाता है।
यह पहाड़ प्राकृतिक रूप से सुंदर है और अनेक प्रकार के पेड़-पौधों से घिरा हुआ है। पहाड़ पर जंगली जानवरों की अनेक जानें पाई जाती हैं जैसे कि हिरण, बाघ, तेंदुआ आदि।
इसके अलावा पहाड़ के ऊपर दिखने वाली सुबह-सुबह की सूर्योदय की रौशनी का नज़ारा भी दिल को छू लेता है।इस पीठ के आसपास की स्थली स्वच्छ एवं अनुपम सुंदर है
और प्रकृति की अनोखी सुंदरता का आनंद इस पीठ पर आने वाले श्रद्धालु भक्तों को अधिक देती है।
बेस्ट पिकनिक स्पॉट -
इसके पीछे का बड़ा सा पहाड़ एवं चारो तरफ के जंगले इस स्थान को और भी आकर्षक बनाते हैं है।
जब हम दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने या आराम करने के लिए बाहर जाते हैं,
तो हम अक्सर पिकनिक स्पॉट खोजते हैं। पिकनिक स्पॉट समुद्र तट, झील या नदी के किनारे, पार्क या वन के आसपास और पहाड़ों या पहाड़ी क्षेत्रों में होते हैं।
एडवेंचर ट्रैकिंग
एडवेंचर ट्रैकिंग एक रोमांचक और उत्तेजक खेल है जिसमें आप दुर्गम और अजनबी भूमि पर ट्रैक करते हुए अनुभव प्राप्त करते हैं। यह एक शारीरिक गतिविधि है जो आपको प्रकृति के साथ संवाद करने की संभावना देती है।
यह वास्तव में एक अद्भुत अनुभव होता है जो आपको नई स्थानों की खोज करने और अपने शारीरिक और मानसिक समर्थताओं को परीक्षण करने का मौका देता है।एडवेंचर ट्रैकिंग के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान हैं, जो इस खेल को खेलने के लिए आकर्षक होते हैं|
बंशी डोंगरी के पीछे का पहाड़ में स्थित हैं और यहां एडवेंचर ट्रैकिंग का सबसे अधिक समर्थन है। यहां पहाड़ियों के साथ साथ बहुत सारी अन्य दुर्गम रास्तों को ट्रैक कर सकते हैं।
मंदिर की विशेषता
इस मंदिर की खास बात यह है की यहाँ सारे देवी देवताओं के दर्शन एक साथ हो जाते है साथ ही यह मंदिर बिलकुल जंगल और पहाड़ों के बीच में स्थित है इस मंदिर की विशेषता उसके अष्टभुज शिखर में स्थित है,
जिसके कारण इसे अष्ठभुजी पंचलेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के आकर्षक शिखर को देखकर लोग चमत्कृत हो जाते हैं और इसे धार्मिक और स्पिरिचुअल आंशिकाओं का प्रतीक मानते हैं।
अष्ठभुजी पंचलेश्वर मंदिर में हर साल भगवान शिव की पूजा-अर्चना और त्योहारों का आयोजन किया जाता है। इसके आसपास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए आवास की व्यवस्था भी है।
इसके अलावा, इसे यात्रियों के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है जहां वे अपने धार्मिक और प्राकृतिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।