बांधवगढ़ भारत के दिल में बसे हुए मध्य प्रदेश का एक छोटा सा राष्ट्रीय उद्यान जिसे अक्सर शेरों के सबसे अधिक घनत्व के लिए जाना जाता है बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन 1968 में हुई थी इससे पूर्व बांधवगढ़ का इस्तेमाल केवल शिकार गाह के लिए किया जाता था
ऐतिहासिक धरोहर है,(Bandhavgarh Kila)बांधवगढ़ का किला-
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान अपने वन्य जीव अभ्यारण ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध भी प्रसिद्द है और वह ऐतिहासिक धरोहर है बांधवगढ़ का किला
बांधवगढ़ का इतिहास-
ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण लगभग 2000 वर्ष पूर्व किया गया था का और इसका उल्लेख प्राचीन पुस्तकों नाराज पंचरत्न और शिव पुराण में किया गया है परंतु इसके निर्माण के सत्य साक्ष्य अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं
बांधवगढ़ क्षेत्र की क्षेत्रीय लोक कथाओं के अनुसार किले के मूल निर्माता गोंड वंश के वंशज राजा पुंडू थे जो अपने वंशजों सहित यहां निवास भी करते थे उन्होंने किले के आसपास 12 तालाबों का निर्माण भी कराया था जिनमें से कुछ ही शेष रह गए हैं
किले के निर्माण की संरचना एवं वास्तुकला गोंड वंश द्वारा निर्मित अन्य किलों से मिलती-जुलती है बांधवगढ़ शब्द से आशय बांधव अर्थात भाई एवं गढ़ अर्थात किला कहा जाता है यह किला भगवान राम ने लक्ष्मण को उपहार स्वरूप भेंट किया था और वही से इसका नाम पड़ा बांधवगढ़
व्यापारिक केंद्र-
बांधवगढ़ की भौगोलिक स्थिति एवं सफ़ेद शेरों का गढ़ -
टाइगर सफारी-
जब भी हम बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में टाइगर सफारी के लिए जाते हैं बाघों के साथ सांभर तेंदुआ चिंकारा जंगली भैंसे नीलगाय जंगली कुत्ते आसानी से देखा जा सकता है यहाँ पक्षियों की भी अनेक प्रजातिया पाई जाती हैं जैसे प्रमुख जैसे गिद्ध गरुण कठफोड़वा नीलकंठ इत्यादि
राष्ट्रीय उद्यान
शेष शैया,Bandhavgarh National Park-
विक्रम संवत 1245 से 1260 के बीच बांधवगढ़ गहोरा साम्राज्य के दक्षिणी भाग की राजधानी थी यहां विष्णु अवतार को दर्शाते हुए कछुए सूअर और मछली की मूर्तियां हैं किले से वापस जाने के रास्ते में भगवान विष्णु की लेटी हुई विशालकाय मूर्ति भी है जिसे शेष शैया के नाम से जाना जाता है
पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण आकर्षण स्थल-
यह वन्यजीवों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण आकर्षण स्थल है। यहाँ पर जंगली टाइगर, भालू, चीता, जैसे जानवरों को देखा जा सकता है जो आमतौर पर आज के समय में बहुत ही अल्प संख्या में हो चुके हैं।
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के सबसे लोकप्रिय पर्यटनों में जगह का नाम तीन गुफा बिंदु हैं जो रोड से देखे जा सकते हैं। इस खूबसूरत स्थान में कई नक्काशियां हैं जो देखने में बहोत खूबसूरत हैं यह आमतौर पर प्राचीन काल में प्रचलित तकनीकों को दर्शाती हैं। अब यहाँ पर तेंदुए, बाघ, नील गाय, हिरन, और भालुओं सहित कई जंगली जानवरों के लिए घर है।
बड़ी गुफा
बड़ी गुफा बड़ी अर्थ है "विशालकाय गुफा" प्राचीन अतीत स्मारक को दर्शाती है। यह भारतीय इतिहास में पाई जाने वाली सबसे प्राचीन गुफा है। प्राप्त जानकारी के मुताबित कि बारी गुफा 10वीं सदी की मानव निर्मित सबसे बड़ी गुफा है।
बांधवगढ़ दौरा रोमांचकारी अनुभव के साथ वास्तव में यादगार होगा इस क्षेत्र में कई सुंदर गुफाओं, झीलों, जंगलों से भरा है जो वास्तव एक उत्कृष्ट दृश्य पेश करता है।
Climber’s Point Bandhavgarh -
यह बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है जो प्रकृति की सुंदरता का प्रतीक है। यह स्थान पूरे पार्क का एक हवाई दृश्य पेश करता है और इस स्थान का जंगल साल और बांस के पेड़ों से भरा हुआ है।
इसके साथ ही साल के पेड़ों के साथ-साथ बुटिया सुपरबा और बाउहिनिया वाहली जैसे जीवों की कुछ बेहतरीन और अनोखी प्रजातियों के साथ भी जगह का विकास हो रहा है। यह पर्यटकों के लिए कुछ आराम करने और मन की शांति के लिए एक आदर्श स्थान है।
संग्रहालय
Bandhavgarh Museum -
Best time to Visit Bandhavgarh-
बांधवगढ़ घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम है। अक्टूबर से मार्च के बीच के महीनों में बांधवगढ़ का तापमान 10 डिग्री तक गिर जाता है।
इन महीनों में हवा में ठंडक होती है, लेकिन नमी कम होती है, जो उन्हें बांधवगढ़ में घूमने के स्थानों के अभियानों के लिए आदर्श बनाती है।